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Thursday, 4 October 2012

'' एक सच्चा दोस्त ''

इंसान को दोस्ती बडी ही सोच समझ कर करनी चाहिए । एक सच्चा दोस्त वही है जो आपकी खुशी मे खुश होने के साथ साथ आपके दुखों को भी अपना बना ले। जो मुसीबत में एक मांझी की तरह तरह आपकी नैया को पार लगाने में आपकी मदद करे।ऐसा ही एक उदाहरण है कृष्ण और द्रोपदी की दोस्ती।एक बार पाण्डवों ने राजसूय यज्ञ में श्री कृष्ण को प्रथम पद प्रदान किया। शिशुपाल ने इस बात पर अपना विरोध जताया और श्री कृष्ण को खूब भला बुरा कहा। तब श्री कृष्ण ने अपने सुर्दशन चक्र से शिशुपाल का वध कर दिया। इस काम में असावधानी के कारण उनकी उंगली से खून बहने लगा सब घबराकर इधर उधर देखने लगे उसी समय द्रोपदी ने अपनी साड़ी को फाड़ कर पटटी बांधी।एक बार पाण्डव द्रोपदी को जुए में दाव पर लगाकर हार गए। सारे कौरवों ने भरी सभा में द्रोपदी का खूब अपमान किया। दुशाषन जब द्रोपदी की साड़ी खींचने लगा तब उसकी लाज बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने स्वयं द्रोपदी की चीर बड़ाकर उसकी लाज बचाई। इसलिए कहते हैं कि मुसीबत के समय जो आपके साथ होता है वही आपका सच्चा दोस्त होता है।

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