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Tuesday, 19 June 2012

तारा रानी की कथा का प्रचार

तारा रानी की कथा का प्रचार देवी भक्त ध्यानू जी ने किया । एक दिन रात को माता रानी ने  ध्यानू भक्त को सपने  में दर्शन दिए और कहा कि भक्ता, मैने अपनी इक भक्तनी तारा की भक्ति के उपर खुश होकर उसे  वरदान दिया है कि तेरी कहानी ही आज के बाद मेरे जागरण को सम्पूर्ण किया करेगी । भक्ता मेरी उस भक्तनी तारा के चरित्र का तू जन -जन में प्रचार कर । ये आदेश देकर उस तारा रानी का सम्पूर्ण चरित्र ध्यानू भग्त जी को सपने में दर्शाया और देवी भक्त ध्यानू जी ने माँ के आदेश पर इस तारा रानी की कथा का प्रचार किया ।इसे पढ़ कर कुछ मनों में प्रश्न उठता है कि माता रानी ने ध्यानू जी को ही क्यों आदेश दिया ...........।वो इसलिए कि माता रानी ने ध्यानू भग्त जी को ही अपने जागरण की महंत पदवी प्रदान की है और मातारानी अपने जागरण के महंत के मुख से ही इस कथा का प्रचार करवाना चाहती थी और प्रचार करवाया ।  यही कारण है कि इस कथा को महंतो के मुख से सुना जाता है  क्योंकि महंतों के मुख से इस कथा को सुनने से विशेष फल की प्राप्ति होती है ....................।
                                 जै माता दी ..........।

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