गी
तब बाबा ने उस महल की ग्रेह परविष्टा करवाई बड़ी धूम धाम से उस महल की
ग्रेह परविष्टा की गई सभी देवी देवता वहां पे आये हुए थे और उस महल की
सुन्दरता को देख कर खुश हो रहे थे लेकिन जिस ऋषि ने उस महल की ग्रेह
परविष्टा की थी जब बाबा ने उनसे ये पुछा की मांगो आपको क्या चाहिए दान में
तो उन्होंने दान में बाबा से वो सोने का महल ही मांग लिया और बाबा ने खुश
होकर उन्हें तथाअस्तु बोल दिया ये देखकर माँ पार्वती बहुत क्रोधित हुई और
उन्होंने उस ऋषि को ये शाप दिया की तुमने भोलेनाथ के भोले पन का फाएदा
उठाया है और हमसे ये महल मांगकर हमें घर से बेघर किया है और मैं तुम्हे ये
शाप देती हूँ की जिस महल को तुमने हमसे माँगा है तेरे इसी महल को शिव के 11
वें अवतार के हाथो जलना होगा अर्थात की शिव का 11 वां अवतार तेरे इस महल
को जलाकर भस्सम कर देगा और फिर जब शिव के 11 अवतार हनुमान जी का जनम हुआ तब
उस ऋषि के पुत्र रावन ने हनुमान जी की पूँछ में आग लगाईं थी और हनुमान जी
ने रावन की सोने की लंका को जलाकर भस्सम कर दिया था,रावन ये अच्छी तरह से
जानता था की उसका विनाश श्री राम के हाथों से ही होना है लेकिन वो भी श्री
राम जी के हाथों से मुक्ति प्राप्त करना चाहता था इसलिए सब कुछ जान कर भी
उसने श्री राम जी से बैर किया और उनके हाथों से रावण का विनाश हुआ और जब
रावन का विनाश हुआ था तो उस वक़्त रावन के मूंह से सिर्फ येही शब्द निकला
था की श्री राम श्री राम ==
राधिका गोस्वामी
राधिका गोस्वामी
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