Sponcered Links

Friday, 7 December 2012


भगवान से जो मदद चाहता है उसे मदद मिलती है। जो यह प्रार्थना करता है कि हे भगवान् ! मेरा मन निरन्तर भजन-ध्यान में लगा रहे तो उसे भगवान् मदद देते हैं। सामान्य मदद तो सभी को है किन्तु  विशेष मदद जो चाहता है, उसे दी जाती है। इसलिये उनसे प्रार्थना करनी चाहिये जिससे कि वह स्थिति छूटे नहीं। जिसका ऐसा विश्वास होता कि मैं भगवान् की शरण हूँ-मेरी धारणाको दृढ़ और अन्तःकरण शुद्धि भगवान् ही करते हैं, उसकी हो जाती है। एक सज्जन चाहते हैं कि मैं अमुक आज्ञानुकूल चेष्टा करूँ, कभी-कभी कुछ चेष्टा करते भी हैं पर मौका पड़ने पर पीछे हट जाते हैं तो यही समझना चाहिये कि उसका इस बातमें पूरा विश्वास नहीं है कि चाहे प्राण भले ही चले जायँ इनकी आज्ञा ही पालनीय है। अगर भगवान में पूरा विश्वास करके भगवान् से मदद माँगे तो भगवान इसके लिये भी मदद दे सकते हैं।,,,,,,,,,,,


No comments:

Post a Comment