सृष्टि
के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने एक बार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के साथ
निर्गुण, निराकार शिव से प्रार्थना की, प्रभु आप कैसे प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव बोले मुझे प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का पूजन करो। जब किसी
प्रकार का संकट या दु:ख हो तो शिवलिंग का पूजन करने से समस्त दु:खों का नाश
हो जाता है।(शिवमहापुराण सृष्टिखंड )जब देवर्षि नारद ने भगवान श्री
विष्णु को शाप दिया और बाद में पश्चाताप किया तब विष्णु ने नारदजी को
पश्चाताप के लिए शिवलिंग का पूजन, शिवभक्तों का सत्कार, नित्य शिवशत नाम का
जाप आदि उपाय सुझाये। (शिवमहापुराण सृष्टिखंड )एक बार सृष्टि रचयिता
ब्रह्माजी सभी देवताओं को लेकर क्षीर सागर में श्री विष्णु के पास परम तत्व
जानने के लिए पहोच गये। श्री विष्णु ने सभी को शिवलिंग की पूजा करने का
सुझाव दिया और विश्वकर्मा को बुलाकर देवताओं के अनुसार अलग-अलग द्रव्य
पदार्थ के शिवलिंग बनाकर देने का आदेश देकर सभी को विधिवत पूजा से अवगत
करवाया। (शिवमहापुराण सृष्टिखंड )
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